राजधानी लखनऊ में बृहस्पतिवार को सुबह से ही काले बादलों और झोंकेदार हवाओं संग बारिश शुरू हो गई। दिन में ही घना अंधेरा छा गया। लोगों को लाइट जलाकर सड़क पर चलना पड़ा। बारिश और हवाओं की वजह से तापमान गिरने से मौसम सुहाना हो गया और लोगों को गर्मी से राहत महसूस हुई।
इन जिलों में भी हुई अच्छी बारिश
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर से लखनऊ में पूर्वा और पछुआ हवाओं का समागम होने से आंधी और बारिश देखने को मिली है। लखनऊ में सुबह 8:30 बजे तक सात मिमी. बारिश दर्ज की गई। जबकि, एयरपोर्ट इलाके में यह दो मिमी. रिकॉर्ड की गई। लखनऊ व आसपास के जिलों बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर आदि में भी अच्छी बारिश देखने को मिली।
इस आंधी और भारी बारिश से जिन किसानों की गेहूं की फसल अभी कटी नहीं है, उनको फसल के नुकसान की चिंता सता रही है। फसल गिरने से पैदावार में काफी असर आ सकता है। वहीं झोंकेदार हवाओं से, गेहूं की फसल लेट जाएगी। किसानों को इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके अलावा अलीगंज सेक्टर-एल में पेड़ गिर गया। गाड़ी के ऊपर पेड़ गिरने से वह क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
वहीं हाईकोर्ट के गेट नंबर चार और पांच के सामने बारिश के बाद पानी भर गया। इससे लोगों को आवागमन में काफी असुविधा हुई। अयोध्या रोड के चिनहट चौराहे पर भी बारिश के बाद पानी भर गया। इससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अमेठी में मौसम का बिगड़ा मिजाज किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सुबह बाजार शुकुल क्षेत्र सहित कई हिस्सों में झमाझम बारिश से तापमान में गिरावट आई। वहीं गेहूं की कटाई को लेकर किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। गौरीगंज, मुसाफिरखाना, तिलोई और संग्रामपुर क्षेत्र में सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए रहे। इस बीच किसानों की निगाहें आसमान पर टिकी रहीं।
बाजार शुकुल निवासी किसान रामकिशोर यादव ने बताया कि मौसम ने धोखा दे दिया। गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार है, कुछ खेतों में फसल कटी भी पड़ी है। फसल भीगने से उपज और आमदनी दोनों पर ही असर पड़ेगा।
मौसम में अचानक बदलाव का असर लोगों की सेहत पर भी दिखने लगा है। अस्पतालों में सर्दी, खांसी और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। खासकर बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। सीएचसी गौरीगंज के अधीक्षक डॉ. राजीव सौरभ ने बताया कि इस तरह के मौसम में तापमान तेजी से गिरता और बढ़ता है। इससे शरीर पर असर पड़ता है। नमी और हवा में बदलाव से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।